LAC पर झड़प वाली जगह से 1 किमी पीछे हटी चीनी सेना, देखें क्या बनी सहमति
भारत-चीन के बीच बीते 2 महीने के अधिक समय से लद्दाख सीमा पर तनाव जारी है. दोनों देश के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प भी हुई. इस झड़प में कई सैनिकों की जान चली गई. सीमा पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कई बार वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत भी हुई है. आज गलवान घाटी से एक बड़ी खबर आयी है. एलएसी के पास गलवान घाटी में झड़प वाली जगह से चीनी सेना एक किलोमीटर पीछे हट गई है. दोनों सेना बातचीत के बाद नई पोजीशन में आ गई है. बफर जोन बनाने पर सहमति हुई है. ये तय हुआ है कि इसका उल्लंघन दोनों पक्ष नहीं करेंगे. देखें वीडियो.
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गलवान घाटी से आ रही एक बहुत बड़ी खबर के मुताबिक चीनी फौज ने अपने तंबू समेटने ने शुरू कर दिए हैं और अब तक मिल रही जानकारी के अनुसार चीनी फौज लगभग 2 किलोमीटर पीछे हट गई है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बार-बार यह बात कह रहे थे कि वह भारत के साथ तनाव पर पूरी नजर रखे हुए हैं और वह किसी भी हाल में भारत से सैन्य टकराव नहीं चाहते। पीछे हटने की खबर फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद आई है जिस पर भारत के सैन्य अधिकारियों की मुहर लगना बाकी है।
मिल रही जानकारी के अनुसार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अपने शिविर भी उस स्थान से हटा लिए हैं और सैन्य वाहनों के साथ में टैंक जैसे युद्ध अस्त्र लगभग 2 किलोमीटर पीछे हटा लिया है। इसी के साथ अपुष्ट जानकारी के अनुसार भारतीय सेना भी समझौते के मुताबिक पीछे हट रही है। ध्यान देने योग्य है कि गलवान घाटी के विवाद के चलते दुनिया भर के तमाम देशों ने चीन को घेरना शुरू कर दिया था और भारत से प्रेरणा लेकर चीन की दादागिरी को ध्वस्त करने पर सभी देश आमादा हो गए थे।
ऐसे में बताया जा रहा है कि अब भारत की एक बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत होगी क्योंकि अभी हाल ही में PM नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का दौरा करके अपने जवानों को हर स्थिति से निपटने की तैयारी करने के लिए कहा था। भारत की थल सेना के साथ भारत की जल सेना और भारत की वायुसेना वालों लगातार युद्धाभ्यास शुरू कर दिए थे और चीन को यह स्पष्ट संदेश दे दिया था इस बार की गलती उसकी संभवत ऐतिहासिक व आखरी गलती बन जाए। China ने भी अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ बनाने का प्रयास किया लेकिन उसका साथ पाकिस्तान के अलावा किसी और ने नहीं दिया।
लेकिन भारत के मोर्चाबंदी के साथ-साथ अमेरिका फिलीपींस वियतनाम ताइवान और जापान जैसे देशों ने भी अपनी सेना को सक्रिय कर दिया था। कुल मिलाकर चीन ने सही समय पर स्थितियों को भाप लिया और अपने सुरक्षित भविष्य के लिए अपने कदम पीछे हटा लिए हैं । आधिकारिक पुष्टि होने के बाद यह विपक्ष के उन नेताओं को एक बहुत बड़ा जवाब होगा जो लगातार प्रधानमंत्री के ऊपर हमलावर होकर चीन को खुश होने का मौका दे रहे थे।
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